Bewafai Poetry in urdu - मुझे खो कर मुझ-सा कभी..

image source:  Unsplash

www.diarykishayri.com

By Usman Khan

मुझसे दूर चले जाओ पर भुला न सकोगे, मेरी यादों को दिल से तुम मिटा न सकोगे।

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

वो तो मैंने तुम पर सारी मोहब्बत खर्च दी, किसी दूजे से ऐसी चाहत कमा न सकोगे।

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

क्या खोया है तुमने ये एहसास होगा तुम्हें, जब ज़िन्दगी से तालमेल बिठा न सकोगे।

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

कि महफूज़ थे मेरे वजूद में मगर मेरे बाद, ज़ख़्म मिलेंगे इतने जिन्हें छुपा न सकोगे।

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

तड़पोगे मेरा प्यार पाने, तन्हाई में रो दोगे, अपना हाल भी किसी को बता न सकोगे।

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

गुमान तो नहीं 'राही' पर इतना कहूँगा ही, मुझे खो कर मुझ-सा कभी पा न सकोगे।

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

Next story 👇   Juan Elia sad poetry - बिछड़ने पर एक बेहतरीन ग़ज़ल 

www.diarykishayri.com

image source:  Pinterest