शराब पीने पर फेमस शायरों की ऐसी शायरी जो महफ़िल जमा दे - famous poetry  Credit: Respected poet डायरी की शायरी 

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शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर या वो जगह बता जहां खुदा नहीं

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 -Mirza Ghalib

मस्जिद खुदा का घर है कोई पीने की जगह नहीं काफिर के दिल में जा वहां पर खुदा नहीं

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~ Iqbal

काफिर के दिल से आया हूं मैं यह देख कर, के वहां पर जगह नहीं खुदा वहां पर भी है, काफ़िर को पता नहीं

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~ Ahmad Faraz

खुदा मौजूद है पूरी दुनिया में कहीं पर जगह नहीं तू जन्नत पर जा वहां पीना मना नहीं!

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~ Wasi

पीता हूं ग़म ए दुनिया भुलाने के लिए और कुछ नहीं जन्नत में कहां गम है वहां पीने में मजा नहीं!

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~ साकी

गुलाब ख़्वाब दवा ज़हर जाम क्या-क्या है मैं आ गया हूँ बता इन्तज़ाम क्या-क्या है!

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~ Rahat Indori

हम पीते हैं मजे के लिए बेवजह बदनाम गम है पूरी बोतल पी कर देखो फिर इस दुनिया क्या जन्नत से कम है!

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~ मीर

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