Munir Niazi : टूटे दिल पर एक बेहतरीन ग़ज़ल ! 

image source:  92 News

www.diarykishayri.com

Credit: Munir Niazi

उर्दू शायरी में मुनीर नियाज़ी, फैज़ अहमद फैज़ के बाद आने वाला नाम है। देखते हैं आज उनकी एक खास ग़ज़ल !

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

तोड़ना टूटे हुए दिल का बुरा होता है, जिस का कोई नहीं उस का तो ख़ुदा होता है। 

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

माँग कर तुम से ख़ुशी लूँ मुझे मंज़ूर नहीं, किस का माँगी हुई दौलत से भला होता है।

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

लोग नाहक किसी मजबूर को कहते हैं बुरा, आदमी अच्छे हैं पर वक़्त बुरा होता है।

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

क्यों "मुनीर" अपनी तबाही का ये कैसा शिकवा, जितना तक़दीर में लिखा है अदा होता है। 

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

बेचैन बहुत फिरना, घबराए हुए रहना इक आग सी जज़्बों की दहकाए हुए रहना !

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

इक शाम सी कर रखना, काजल के करिश्मे से इक चांद सा आंखों में चमकाए हुए रखना !

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

आदत ही बना ली है तुमने तो 'मुनीर' अपनी जिस शहर में भी रहना उकताए हुए रहना !

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

बरसों से इस मकान में आया नहीं कोई अंदर है इसके कौन ये समझा नहीं कोई !

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

एक नगर ऐसा बस जाये जिस में नफ़रत कहीं न हो आपस में धोखा करने की, ज़ुल्म की ताक़त कहीं न हो !

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

डरे हुओं को मगर एतबार किस का था तमाम उम्र हमें इन्तज़ार किस का था !

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

उड़ा ग़ुबार हवा से तो राह खाली थी वो कौन शख़्स था उसमें, ग़ुबार किस का था !

www.diarykishayri.com

image source:  Unsplash

स्टोरी पसंद आयी तो लाइक करें  Next story 👇   Juan Elia sad poetry - बिछड़ने पर एक बेहतरीन ग़ज़ल 

www.diarykishayri.com

image source:  Pinterest