Story and shayari by Tabassum  ~A writer from   डायरी की शायरी

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--सुकून मतलब  तुम मेरी (मां)❤️--

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आसमां ढूंढा जमीं ढूंढी मैंने अपना सुकून हर कहीं ढूंढा, मगर मेरा सुकून मुझे कहीं नहीं मिला....

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फिर याद आया कि मेरा हर दर्द , ज़ख्म बस एक ही जगह पर पिघल सकता है, मुझे तो सुकून बस मेरी मां के आंचल में मिल सकता है..

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मुझे नहीं पता कैसे मगर मेरे हर दर्द का मर्ज उसके पास होता है, कभी-कभी सोचती हूं ये कैसे पॉसिबल होता है...

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कितना भी हंसकर बात क्यों ना करो मेरे दर्द का नब्ज़ वो यूं पकड़ लेती है, और फिर उसकी बातें मेरे हर दर्द, ज़ख्म को एक चुटकी में गायब कर देती  है...

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कभी कहा नहीं मां लेकिन मैं न तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं, तुम्हारी खुशियों के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं |

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