जानिए क्या होता है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी 

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By डायरी की शायरी

पैगंबर का जन्मदिवस: यह त्योहार इस्लाम के अंतिम पैगंबर, हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।

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दो अलग-अलग विचार: सुन्नी मुसलमान आम तौर पर रबी उल-अव्वल की 12 तारीख को यह त्योहार मनाते हैं, जबकि शिया मुसलमान 17 तारीख को इसे मनाते हैं।

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अरबी में अर्थ: "मावलिद" शब्द का अरबी में अर्थ "जन्म" होता है। इसलिए, इस त्योहार को अक्सर मावलिद अल-नबी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ "पैगंबर का जन्म" है।

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इतिहास: मावलिद का उत्सव पहली बार फातिमिद राजवंश के दौरान 11वीं सदी में मिस्र में आधिकारिक रूप से मनाया गया था। बाद में, यह तुर्की, सीरिया और मोरक्को जैसे अन्य देशों में भी लोकप्रिय हो गया।

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उद्देश्य: इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य पैगंबर मुहम्मद के जीवन, उनकी शिक्षाओं और उनके महान चरित्र को याद करना है।

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उत्सव: इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, मस्जिदों और घरों को सजाते हैं। रात भर प्रार्थनाएं और इबादत की जाती है।

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दान: ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर दान और गरीबों को भोजन कराना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोग भोजन और मिठाईयां बाँटते हैं, जिससे समुदाय में एकता और भाईचारे की भावना मजबूत होती है।

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शांति का संदेश: यह त्योहार केवल खुशी का ही नहीं, बल्कि पैगंबर द्वारा दिए गए शांति, भाईचारे और सहिष्णुता के संदेश को याद करने का भी एक दिन है।

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मृत्यु की तारीख: यह माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद का निधन भी रबी उल-अव्वल की 12 तारीख को हुआ था। इस कारण से, कुछ मुसलमान इस दिन को शोक के रूप में मनाते हैं।

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